Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस की टेंशन बढ़ा सकती है राज्यसभा चुनाव में सपा विधायकों की बगावत! समझे कैसे
Lok Sabha Elections 2024: 28 फरवरी को हुए तीन राज्यसभा के चुनाव ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. यूपी में सपा विधायकों की क्रॉस वोटिंग कांग्रेस के लिए बेहद शॉकिंग रहा है. हालांकि, राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा हुआ है जिसमें बीजेपी की अमेठी प्लान की झलक भी देखने को मिल रही है. तो चलिए समझते हैं.
Lok Sabha Elections 2024: बीते दिन तीन राज्य हिमाचल, कर्नाटक और यूपी में राज्यसभा के चुनाव हुए. यूपी राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की ओर एक विधायक वोट डालने नहीं पहुंचे जिसकी वजह से सपा के तीरे उम्मीदवार के हार का सामना करना पड़ा. सपा के चीफ व्हिप मनोज पांडे सहित 7 विधायकों के पार्टी बीजेपी के प्रत्याशी को वोट किए जो कांग्रेस के लिए बूरा साबित हुआ. इस चुनाव में जहां सपा को बड़े झटके लगे तो वहीं कांग्रेस के लिए बेहद शॉकिंग रहा. अब सवाल ये है कि, सपा के 7 विधायक पार्टी के साथ बगावत किए फिर कांग्रेस को शॉक कैसे लगा? तो चलिए इस सवाल का जवाब तर्क से समझते हैं.
दरअसल, सपा के जिन सात विधायकों ने पार्टी के खिलाफ जाकर बगावत की है और क्रॉस वोटिंग की उनमें से एक विधायक रायबरेली और एक अमेठी से हैं. वहीं जो वोट डालने पहुंची वो भी अमेठी की ही हैं. ये तीनों ही विधायक सपा के मजबूत नेताओं में से थे जिनका वोट बैंकिंग भी काफी अच्छा था.
कांग्रेस की टेंशन बढ़ा सकती है सपा विधायकों की क्रॉस वोटिंग
सपा से अलग जाकर क्रॉस वोटिंग करना कांग्रेस के लिए इसलिए टेंशन की बात है क्योंकि, सपा के तीनों विधायकों का नाता गांधी परिवार का गढ़ रहे रायबरेली और अमेठी से हैं. खास बात यह है कि, सपा के साथ हुई सीट शेयरिंग में यह सीटें कांग्रेस के हिस्से में आई हैं. ऐसे में अमेठी और रायबरेली में सपा मजबूत प्रत्याशी लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी छोड़ गए तो कांग्रेस की राह मुश्किल हो सकती है.
बीजेपी के लिए फायदेमंद रही राज्यसभा चुनाव
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के लिए राज्यसभा चुनाव फायदेमंद रही. बीजेपी पहले रायबरेली के कई बड़े ठाकुर चेहरों को अपने साथ लाने में सफल रही हैं वहीं अब मनोद पांड्ये जैसे मजबूत ब्राह्मण चेहरा भी पार्टी में शामिल होने से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए फायदेमंद साबित होगा.