Maharashtra: विधायकों की अयोग्ता पर बड़ा फैसला, स्पीकर ने शिंदे गुट को बताया असली शिवसेना

Jan 10, 2024

Maharashtra: विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके साथ 15 विधायको के अयोग्यता पर अपना फैसला सुनाया है. भारतीय चुनाव आयोग के रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए उन्होंने शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया.

Shiv Sena MLA Disqualification Verdict: महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने आज बुधवार, (10 जनवरी) को राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके साथ 15 विधायकों के अयोग्यता पर अपना बड़ा फैसला सुनाया. चुनाव आयोग के रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना बताया. विधायकों की अयोग्यता मामले पर सुनवाई से पहले दोनों ही गुटों के विधायक विधानसभा पहुंचे. इसके बाद स्पीकर ने अपना फैसला सुनाना शुरू किया. बता दें कि महाराष्ट्र के राजनीति में शुरू हुई इस उथल-पुथल को लेकर पूरे देश की निगाहें आज इस फैसले पर बनी हुई है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अलावा 15 और विधायकों के ऊपर तलवार लटक रही थी, हालांकि फैसले उनके पक्ष में रहा. 

महाराष्ट्र विधानसभा में फैसले को पढ़ते हुए स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि 21 जून 2022 को जो हुआ उसे समझना होगा. गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे के बगवात के बाद शिवसेना दो धड़ों (शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट) में बंट चुकी है. इसके बाद से ही दोनों गुट असली शिवसेना का दावा कर रहे हैं. 

स्पीकर के फैसले से उद्धव ठाकरे गुट को झटका

विधानसभा स्पीकर ने आगे कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक सीएम शिंदे को उद्धव गुट हटा नहीं सकते. संविधान में पक्ष प्रमुख का कोई पद नहीं है. साथ ही, विधायक दल के नेता को हटाने का कोई प्रावधान संविधान में नहीं है. उन्होंने कहा कि शिंदे को हटाने का फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी का होना चाहिए था. राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर उद्धव गुट का रुख साफ नहीं है. इसी के साथ 25 जून 2022 के कार्यकारिणी के प्रस्तावों को स्पीकर ने अमान्य करार दिया है.

'वैध नहीं माना जा सकता 2018 का संविधान' 

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है. रिकॉर्ड के अनुसार, मैंने वैध संविधान के रूप में शिवसेना के 1999 के संविधान को ध्यान में रखा है.