सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के हापुड में वकीलों के खिलाफ पुलिस हिंसा की निंदा की, प्रस्ताव पारित किया

Aug 31, 2023
Source: https://hindi.livelaw.in/

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने बुधवार (30.08.2023) को पारित एक प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश के हापुड में प्रदर्शनकारी वकीलों के साथ पुलिस द्वारा किए गए हिंसक और 'अमानवीय' व्यवहार की कड़ी निंदा की। एससीबीए ने एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा, "..महिला वकीलों को भी क्रूरता से नहीं बख्शा गया। पुलिस की कथित ज्यादती के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे वकीलों पर लाठीचार्ज उनके अधिकारों और कानून के शासन का स्पष्ट उल्लंघन है।" एससीबीए ने हापुड के वकीलों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का वचन दिया जिससे कि न्याय मिले। वकील प्रियंका त्यागी के खिलाफ कथित झूठा मामला दर्ज करने के खिलाफ वकील कथित तौर पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई वकीलों को मामूली से लेकर गंभीर चोटें आईं। एससीबीए ने अपने प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश सरकार से तत्काल निम्नलिखित कदम उठाने की मांग की है: • घटना की जांच करें और दोषी पुलिस अधिकारियों को न्याय के कटघरे में लाएं। • लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करें। • घायल वकीलों को मुआवजा दें। • यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय करें कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। • ऐसी क्रूर घटनाओं के खिलाफ वकीलों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करें। • राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि पुलिस कर्मी अपने कार्यों के लिए जवाबदेह हों। एससीबीए ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) और अन्य सभी राज्य बार काउंसिलों से वकीलों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का भी आग्रह किया, जिससे वे धमकी या उत्पीड़न के डर के बिना अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें। घटना के आलोक में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने बुधवार। को वकीलों द्वारा राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की। यूपी बार काउंसिल ने सरकार से दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और घायल वकीलों को मुआवजा देने का आग्रह किया। स्टेट बार काउंसिल ने कहा है कि अगर प्रभावी और सार्थक कार्रवाई नहीं की गई तो मामले पर आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए 3 सितंबर 2023 को आपात बैठक बुलाई जाएगी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद ने भी घोषणा की कि वह एकजुटता दिखाते हुए आज यानी 30 अगस्त 2023 को काम से विरत रहेंगे। एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया कि गैर हाजिरी के मामलों में कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाये।