Pithoragarh:शिव धाम का नाम बदला कर रखा गया 'कैलाश धाम',जानिए वजह...

Nov 30, 2023

Pithoragarh:उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के वाइब्रेंट विलेज गुंजी में शिव धाम का नाम बदला जाएगा. इसके पीछे की वजह बताई जा रही है कि एक नाम से दो जगहों के नाम रखने से उसकी अपनी पहचान नहीं रहेगी.

Pithoragarh:उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के वाइब्रेंट विलेज गुंजी में शिव धाम का नाम बदलने को मंजूरी मिल गयी है. बताया जा रहा है कि कैलाश धाम के लिए डीपीआर बनाने का कार्य अंतिम चरण में हैं. प्रधानमंत्री मोदी के ऊं पर्वत और आदि कैलाश दर्शनों के बाद प्रदेश सरकार धारचूला तहसील के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र को तेजी से विकसित करने की दिशा में काम कर रही है. शिव धाम की जगह अब इसे कैलाश धाम नाम दिया जाएगा. 

उत्तरप्रदेश के बनारस शहर में पहले से ही शिव धाम बना हुआ है. जिसके बाद से वाइब्रेंट विलेज गुंजी में शिव धाम का नाम बदला जा रहा है. कहा जा रहा है कि एक जैसे दो नाम नहीं रख सकते . देश में एक ही नाम से दो धाम हो जाने के चलते नाम बदलने का फैसला लिया गया है.उत्तरप्रदेश के बनारस शहर में पहले से ही शिव धाम बना हुआ है. जिसके बाद से वाइब्रेंट विलेज गुंजी में शिव धाम का नाम बदला जा रहा है. कहा जा रहा है कि एक जैसे दो नाम नहीं रख सकते . देश में एक ही नाम से दो धाम हो जाने के चलते नाम बदलने का फैसला लिया गया है.

 

कैलाश धाम बनने से मिलेगी अलग पहचान

शिव धाम को कैलाश धाम बनाए रखने के काम शुरू कर दिया गया है. क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी. पिथौरागढ़ में पीएम मोदी के आने के बाद से विकास की लहर तेज हो गई है.

 डबल लेन में होगी यात्रा

आदि कैलाश और ऊं पर्वत दर्शन के लिए जाने वाले यात्री साल 2025 तक डबल लेन सड़क पर सफर कर सकेगें. सड़क के चौड़ीकरण का काम निजी कंपनी जल्द शुरू करेगी. तवाघाट से लिपुलेख तक वर्ष 2001 में सिंगल लेन सड़क तैयार कर ली गई थी।. इस सड़क को बनाए जाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है. साल 2001 से पहले इस जगह के लोगों के साथ ही कैलाश मानसरोवर, आदि कैलाश, ऊं पर्वत जाने वाले लोगों के साथ ही सीमा की सुरक्षा में  जवानों को पैदल ही जाना पड़ता था.  इस जगह  करीब 80 किमी. सड़क बनाई गई है. सड़क तैयार होने के बाद अब इसे डबल लेन में बदलने का काम शुरू हो गया है.