किसानों की बढ़ती संख्या से शंभू बॉर्डर पर बढ़ा तनाव, फार्मर की भी नहीं सुन रहे युवा... खालिस्तान समर्थकों की हुई एंट्री!
Farmers Protest: किसान आंदोलन के चार दिन हो गए हैं, वह लगातार दिल्ली की ओर जाने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन शासन ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर ही रोक रखा है. किसानों की अधिक संख्या बढ़ने से बॉर्डर पर दिन-प्रतिदिन तनाव बढ़ता जा रहा है.
Farmers Protest: पंजाब और हरियाणा के किसानों का दिल्ली कूच के लिए आज चौथा दिन है, वह शंभू बॉर्डर पर मजबूती के साथ डटे हुए हैं. बताया जा रहा है कि दाता सिंहवाला में शांति रही और शंभू बॉर्डर पर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. यहां मौजूद युवा किसानों के हाथों में खालिस्तान समर्थकों के बैनर भी देखे गए. बॉर्डर तनाव पैदा करने वाले युवा अपने नेताओं की भी नहीं सुन रहे हैं, वह बीच-बीच में पत्थरबाजी भी करने लग जाते हैं.
आंदोलन में खालिस्तान समर्थक हुए शामिल!
युवाओं ने कई बार पुलिस द्वारा लगाई बैरिकैंडिंग की ओर बढ़ने की कोशिश है, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े हैं. जिसके कारण वहां से कुछ किसान हटे भी हैं. हरियाणा सरकार की तरफ से की गई किलेबंदी के कारण किसान काफी कोशिश करने के बाद दिल्ली की ओर एक कदम आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं. कुछ किसानों ने आंसू गैस के गोले से बचने के लिए गीली बोरियां, मुल्तानी मिट्टी और स्पेशल चश्मे लगाकर बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन इस बीच सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि खालिस्तानी समर्थकों ने अपने बैनर तले नारे लगा रहे हैं, जिसकी कुछ फुटेज सीसीटीवी में कैद हुई है.
किसानों के साथ भाकियू भी उतरा
दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों से भाकियू (एकता उगराहां) ने अभी तक प्रोटेस्ट से कुछ दूरी बनाई हुई थी, लेकिन उसने अब आंदोलन में शामिल होने का फैसला लिया है. पंजाब संगठन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने पांच सदस्यों वाली बैठक करने के बाद इसका निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि 17 और 18 फरवरी को बीजेपी नेता केवल सिंह ढिल्लों और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास धरना प्रदर्शन करने वाले हैं. साथ ही अब कुछ अन्य मजदूर संगठन भी लगातार किसानों के समर्थन में आ रहे हैं. भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने स्पष्ट कहा कि वह किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं.