Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी की सुरंग में श्रमिकों को पहली बार दिया खिचड़ी और दलिया, फंसे लोगों की सामने आईं तस्वीरें

Nov 21, 2023

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे लोगों को भोजन पहुंचाने के लिए 6 इंच क पाइप इस्टॉल किया गया था. जिसमें लोगों को पहली बार खिचड़ी और दलिया पहुंचाया गया.

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 9 दिन से सुरंग में फंसे श्रमिकों की हालत काफी बेकार हो रही है. ऐसे में लोगों को 9 दिनों के बाद खिचड़ी और दलिया जैसे भोज्य पदार्थ भेजे गए हैं. उन्हें अब तक ड्राई फ्रूट्स और पानी भेजने की व्यवस्था की गई है. आपको बता दें कि सोमवार को सुरंग में 6 इंच पाइप सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचाने के बाद उन्हें खिचड़ी, दलिया और संतरे भेजे गए थे. यह घटना 12 नवंबर को हुई थी. उस वक्त भूस्खलन के बाद सिलक्यारा सुरंग के कुछ हिस्से ढहने से 41 निर्माण श्रमिक उसमें फंस गए थे. 

भूस्खलन के मलबे में छह पाइप डालने के बाद श्रमिकों तक पहली बार सॉलिड फूड पहुंचाया गया. इसके साथ ही पाइप के जरिए कैमरा भी भेजा गया. पहली बार श्रमिकों की तस्वीर सामने आई है जो श्रमिक अंदर फंसे हुए हैं उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की हैं 

पाइपलाइन डालने में मिली सफलता 

जिसके बाद लोगों ने कई दिनों तक बचाव अभियान चलाया था. बचाव अभियान के दौरान अब तक श्रमिकों को 4 इंच की कंप्रेसर पाइपलाइन के जरिये खाने-पीने की हल्की चीजें पहुंचाई जा रही थी. सोमवार को बचावकर्मियों को सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में ड्रिलिंग कर मलबे के आर-पार 53 मीटर लंबी छह इंच व्यास की पाइपलाइन डालने में सफतला मिल गई. जिसके बाद श्रमिकों को अधिक मात्रा में भोजन सांमग्री, संचार उपकरण और अन्य जरूरी चीजें पहुंचाई जा सकेंगी.

पहली बार दिए गए खिचड़ी और दलिया 

उत्तकाशी की सुरंग में फंसे श्रमिकों को सोमवार को पहली बार खिचड़ी और दलिया पहुंचाया गया था. वहीं श्रमिकों के लिए भोजन तैयार करने वाले रसोइया हेमंत ने एएनआई से बात करते हुए बताया है कि पहली बार उनके लिए गर्म खाना भेजा जा रहा है.

इससे पहले उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था. लेकिन सोमवार को खिचड़ी, दाल और फल भेजे गए हैं. इसके साथ ही लोगों के लिए बोतल में भरकर सांमग्री भेजी गई थी. एक आदमी के लिए साढ़े सात सौ ग्राम भेजा गया है. साथ ही लोगों के लिए फल भी भेजे जा रहे हैं.