उद्योग जगत को उबारने के लिए वित्त मंत्रालय सक्रिय

Mar 21, 2020

उद्योग जगत को उबारने के लिए वित्त मंत्रालय सक्रिय

देश में बल्क ड्रग निर्माण के प्रोत्साहन के लिए सरकार 6,000 करोड़ की मदद दे सकती है। शनिवार को इस पैकेज का एलान संभव है। सरकार बल्क ड्रग के अलावा मेडिकल उपकरण निर्माता कंपनियों के लिए भी 3,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर सकती है। देश के छह राज्यों में मेडिकल उपकरण निर्माण के लिए छह पार्क बनाने का भी एलान किया जा सकता है। इस मद में 600 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। सरकार बल्क ड्रग्स के उत्पादन से जुड़े नियमों में भी ढील दे सकती है। खासकर पर्यावरण मंजूरी के सख्त नियमों को लचीला किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक बल्क ड्रग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव दिए जा सकते हैं। बल्क ड्रग की वर्तमान यूनिट के क्षमता विस्तार के लिए प्लांट, मशीनरी, लैब व अन्य उपकरणों की खरीदारी पर सब्सिडी का प्रावधान किया जा सकता है। चीन में कोरोना फैलने के बाद भारत में बल्क ड्रग की किल्लत की आशंका जाहिर की जाने लगी थी। चीन से सप्लाई चेन बाधित होने के बाद सरकार बल्क ड्रग के मामले में चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए गंभीरता से सोचने लगी। नीति आयोग के नेतृत्व में इस निर्भरता को कम करने के लिए नीति लाने की योजना बनाई जिसके तहत सभी साङोदारों के साथ बैठक कर प्रोत्साहन पैकेज को अंतिम रूप दिया गया। बल्क ड्रग निर्माताओं के मुताबिक भारत बल्क ड्रग के मामले में 65त्न चीन पर निर्भर करता है। 10त्न आपूर्ति अन्य देशों से होती है तो 25त्न बल्क ड्रग का उत्पादन घरेलू स्तर पर होता है। फार्मा उद्यमियों के मुताबिक सरकार के प्रोत्साहन पैकेज से घरेलू स्तर पर बल्क ड्रग के उत्पादन में कम से कम 15त्न तक बढ़ोतरी संभव है। फार्मा उद्यमियों के मुताबिक घरेलू बल्क ड्रग यूनिट की उत्पादन क्षमता का भी विस्तार किया जा सकता है, लेकिन दो वजहों से अभी यह संभव नहीं हो पा रहा है। पहली दिक्कत यह है कि क्षमता विस्तार के लिए पर्यावरण मंजूरी लेनी पड़ती है जिसे लेने में सालभर से अधिक का समय लग जाता है। तब तक ऑर्डर देने वाला चीन से बल्क ड्रग मंगा लेता है। दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि चीन का बल्क ड्रग भारत के मुकाबले 20-25 फीसद तक सस्ता है। सरकार की मदद से लागत में कमी आने पर घरेलू निर्माता चीन का मुकाबला कर सकेंगे। बल्क ड्रग निर्माण को 6,000 करोड़ की मदद संभ कोरोना संकट से प्रभावित क्षेत्रों को राहत देने के लिए वित्त मंत्रलय सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में चार प्रमुख क्षेत्रों के साथ बैठक की गई। शनिवार को भी यह बैठक जारी रहेगी। हालांकि अभी इन क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज के एलान की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि शुक्रवार को पर्यटन व आतिथ्य सत्कार, एमएसएमई, नागरिक उड्डयन एवं पशुधन विकास क्षेत्र के साथ विचार-विमर्श किया गया। बैठक में वित्त सचिव एवं आर्थिक मामलों के सचिव भी मौजूद थे। सीतारमण ने बताया कि इन चारों क्षेत्रों के मंत्री व अधिकारी अपनी मांग लेकर आए थे जिस पर विस्तार से चर्चा की गई। संबंधित मंत्रलयों ने अपने-अपने साङोदारों से बातचीत करके मांग पत्र तैयार किए थे जिसे उन्होंने वित्त मंत्रलय को सौंपा है। वित्त मंत्री ने बताया कि यह बैठक मंत्रलय के अधिकारियों के साथ शनिवार को भी जारी रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि अभी इकोनॉमिक रिस्पांस टास्क फोर्स का गठन नहीं किया गया है। वित्त मंत्री के मुताबिक शुक्रवार को जो चार-पांच सेक्टर के साथ बैठकें हुई हैं, उनका टास्क फोर्स से कोई लेना-देना नहीं है। ये सेक्टर पहले से ही वित्त मंत्रलय के संपर्क में थे। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कोरोना संकट के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर के मूल्यांकन एवं उनमें सुधार के उपाय के लिए इकोनॉमिक रिस्पांस टास्क फोर्स गठित करने का एलान किया था जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री करेंगी। वित्त मंत्री ने बताया कि गठन के बाद यह सारी कवायद टास्क फोर्स का हिस्सा बन जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इकोनॉमिक रिस्पांस टास्क फोर्स के गठन का किया था एलान करोड़ रुपये मेडिकल उपकरण निर्माण के लिए भी हो सकती है घोषणा चीन पर निर्भरता को कम करना चाहती है सरकार छह मेडिकल उपकरण पार्क बनाने के लिए मिल सकते हैं 600 करोड़ |

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