बिना डीआइएन नहीं भेजेंगे आदेश
बिना डीआइएन नहीं भेजेंगे आदेश
आयकर विभाग के अधिकारी डॉक्यूमेंट आइडेंटीफिकेशन नंबर (डीआइएन) जनरेट किए बिना कोई भी आदेश या नोटिस करदाता को नहीं भेजेंगे। विभाग द्वारा किए गए किसी भी तरह के पत्रचार की जानकारी रखने के लिए आगामी एक अक्टूबर से यह व्यवस्था शुरू की जा रही है।
आयकर विभाग में पत्रचार का पूरा काम तकरीबन ऑनलाइन हो चुका है। इसके तहत नोटिस, कर निर्धारण की कार्रवाई, आदेश, अपील, करमुक्ति, पूछताछ, जांच रिपोर्ट, सत्यापन- अर्थदंड की कार्रवाई, भूल सुधार आदि का पत्रचार ऑनलाइन होता है। हालांकि शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि अभी भी बड़ी संख्या में मैनुअली पत्रचार किया जा रहा है। इनका ठीक से रखरखाव भी नहीं होता। ऐसे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की निदेशक सरिता कुमारी ने डीआइएन व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। इससे हर डॉक्यूमेंट की अपनी पहचान संख्या होगी।
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अपरिहार्य स्थिति में ही छूट : अपरिहार्य स्थिति में इस नियम से छूट मिलेगी। तकनीकी खामी की वजह से डीआइएन जनरेट न होने पर प्रमुख आयुक्त और जांच महानिदेशक का अनुमोदन लेना होगा। मैनुअल आदेश या नोटिस जारी करने के 15 दिन के अंदर डीआइएन जनरेट करना होगा।
जो जारी हो चुके उनका भी डीआइएन : सरिता कुमारी ने आदेश में साफ कहा कि अब तक जो आदेश नोटिस जारी हो गए हैं, उनके भी डीआइएन अनिवार्य रूप से 31 अक्टूबर से पहले जनरेट किए जाएं।
टैक्स सलाहकार संतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि आयकर विभाग पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया की ओर बढ़ रहा है। जो कार्य मजबूरी में मैनुअली करने पड़ते हैं, उनका भी इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंटेशन हो इसकी व्यवस्था की जा रही है।
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