प्रदूषण से जंग की तैयारी तेज

May 24, 2019

प्रदूषण से जंग की तैयारी तेज

-उद्योग विहार (जून 2019)- गाजियाबाद।
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए जीडीए ने आइआइटी रुड़की को फाइनल प्लान बनाने के निर्देश दे दिए हैं। कम वक्त में रिपोर्ट बनाने को कहा गया है। जीडीए अधिकारियों की मानें तो एक महीने का वक्त कम से कम लगेगा। कुछ ही दिन पहले आइआइटी रुड़की ने अंतरिम रिपोर्ट जमा की थी। जिसमें प्रेट्रोल-डीजल के वाहनों पर अंकुश लगाने और सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया था। कंपनी में कोयले और लकड़ी की जगह पीएनजी गैस का इस्तेमाल करने की बाध्यता लागू करने की सिफारिश की गई थी। शहर पर सबसे प्रदूषित होने का दाग लगा हुआ है। इसे हटाने के लिए जीडीए ने आइआइटी रुड़की से अध्ययन कराया था। इस संस्थान ने पिछले साल भी एक अंतरिम रिपोर्ट दी थी। उसमें कई आपत्तियां लगाई गई थीं। दोबारा से रिपोर्ट बनाने को कहा गया था। आइआइटी रुड़की ने हाल में दोबारा से अंतरिम रिपोर्ट तैयार कर जीडीए को भेजी थी। जीडीए ने इस रिपोर्ट को परीक्षण उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कराया था। बोर्ड ने रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को लागू करने की संस्तुति की थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि प्राकृतिक कारण जैसे धूल भरी आंधी की वजह से पीएम-10 का स्तर बढ़ रहा है। वाहन और उद्योग भी इसके लिए जिम्मेदारी हैं। सुझाव दिया कि पेट्रोल-डीजल के वाहनों कम किया जाए। सीएनजी वाहन खरीदने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। उद्योगों में कोयला और लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाए। पीएनजी का उपयोग यहां बढ़ाया जाए। डस्ट कलेक्टर और सायक्लोन सैपरेटर की जगह उच्च गुणवत्ता वाले पीएम-10 व पीएम 2.5 कंट्रोल डिवाइस लगाइ जाए। जीडीए के सीएटीपी इश्तियाक अहमद ने बताया कि आइआइटी रुड़की को फाइनल रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। उसके बाद जिम्मेदार विभागों के साथ बैठक कर प्रदूषण खत्म करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

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एनजीटी के आदेश के बावजूद नहीं लगा रहे नॉइज बैरियर

कौशांबी के लोगों को बसों के हॉर्न से दिक्कत होती है। शोर से लोगों के कान फटे जा रहे हैं। इससे राहत पाने के लिए कौशांबी रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (कारवा) ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। पिछले वर्ष अगस्त में एनजीटी ने आदेश दिया था कि नॉइस बैरियर लगाया जाए। अतिक्रमण हटवाया जाए। एनवायरमेंट मैनेजमेंट प्लान पर काम करने के लिए कहा गया था। जीडीए को नॉइस बैरियर लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी। डीएम ने इस आदेश के अनुपालन के संबंध में बैठक ली। उसमें जीडीए ने नॉइस बैरियर लगाने से हाथ खड़े कर दिए। यह कहते हुए कि इन्हें लगवाना अत्याधिक खचीर्ला है। कारवा के अध्यक्ष वीके मित्तल ने आरोप लगाया कि जीडीए एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन कर रहा है।

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बारिश ने दी गर्मी से राहत

बारिश और तेज हवाओं से लोगों को लगातार एक हफ्ते से पड़ रही भीषण गर्मी से राहत मिल गई। अचानक मौसम में बदलाव आया और बादल गरजने लगे। इसके कुछ देर बाद ही गरज के साथ तेज बारिश भी होने लगी। अचानक मौसम में आए बदलाव से पिछले करीब 15 दिनों से भीषण गर्मी से झुलस रहे महानगर के लोगों को राहत मिल गई। कई दिन से जिले का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच था। तापमान अधिक होने से लोगो को रात में भी बेचैनी हो रही
थी। बारिश होने से लोगों को राहत तो मिली लेकिन बारिश से पहले तेज हवा के कारण पूरे शहर से बिजली गुल हो गई। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने और पश्चिम बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाओं का दबाव बढ़ने के कारण गाजियाबाद सहित दिल्ली एनसीआर में बारिश हुई है। कृषि एवं मौसम वैज्ञानिक डॉ आरबी सिकेरा का कहना है कि लोगों को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से 2 दिन तक गर्मी से राहत मिलेगी। इसके बाद फिर दोबारा तापमान बढ़ेगा।

देश में सबसे प्रदूषित रहा जिलाः
गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 391 दर्ज किया गया जो बेहद खराब माना जाता है।

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