प्रकाशन उद्योग पंजीकरण बिल मसौदे पर सुझाव देने की अवधि बढ़ी
प्रकाशन उद्योग पंजीकरण बिल मसौदे पर सुझाव देने की अवधि बढ़ी
सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय ने एक विधेयक के मसौदे पर सुझाव देने की समयसीमा 20 जनवरी तक बढ़ा दी है। यह विधेयक ब्रिटिश काल के कानून की जगह लेगा, जिसके तहत समाचार वेबसाइटों के लिए भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक से खुद को पंजीकृत कराना अनिवार्य हो जाएगा।
प्रस्तावित प्रेस एवं पत्र-पत्रिका पंजीकरण (आरपीपी) विधेयक 2019 पुराने प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण अधिनियम 1867 की जगह लेगा। इसमें प्रकाशक पर मुकदमा चलाने के पूर्व के प्रावधान को हटाने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें नव सृजित प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान करने का भी प्रस्ताव किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय ने 25 नवंबर को लोगों से विधेयक के मसौदे पर विचार मांगे थे।
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