कारखानों के उत्पादन में तेज गिरावट
कारखानों के उत्पादन में तेज गिरावट
प्रमुख बुनियादी उद्योगों का प्रदर्शन सितंबर में कमजोर रहा है। इस महीने के औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक (आइआइपी) में तेज गिरावट दर्ज की गई है। सितंबर में औद्योगिक उत्पादन पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 4.3 परसेंट कम हुआ है। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन और खनन उत्पादन में तेज गिरावट इसकी वजह बने हैं। बिजली का उत्पादन भी सितंबर में कम हुआ है। औद्योगिक उत्पादन में सितंबर की गिरावट 2011-12 की सीरीज का न्यूनतम है। अप्रैल 2012 में आइआइपी में 0.7 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई थी। पिछले साल सितंबर में कारखानों का उत्पादन 4.6 परसेंट बढ़ा था। अप्रैल से सितंबर 2019 की अवधि में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार 1.3 परसेंट रही है। जबकि बीते वर्ष इस अवधि में औद्योगिक उत्पादन में 5.2 परसेंट की वृद्धि दर्ज की गई थी। अर्थव्यवस्था में सुस्ती का असर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है। सितंबर में इस क्षेत्र के उत्पादन में 3.9 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल समीक्षाधीन अवधि में मैन्यूफैक्चरिंग उत्पादन में 4.8 परसेंट की वृद्धि हुई थी। इसी तरह खनन और बिजली के उत्पादन में भी सितंबर में गिरावट दर्ज की गई है। बिजली का उत्पादन 2.6 परसेंट गिरा है और खनन के उत्पादन में 8.5 परसेंट की कमी आई है। निवेश का बैरोमीटर माने जाने वाले कैपिटल गुड्स क्षेत्र के उत्पादन में भी सितंबर में तेज गिरावट हुई है। सितंबर 2018 में 6.9 परसेंट वृद्धि के मुकाबले इस वर्ष सितंबर में 20.7 परसेंट की कमी आई है। आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए इकरा की प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा है कि उत्पादन में गिरावट का रुख अक्टूबर में भी बने रहने की आशंका है। ब्रिकवर्क रेटिंग के डॉ. एम गोच्वद राव के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 23 में से 17 उद्योगों में सितंबर में गिरावट दर्ज की गई है। राव कहते हैं कि इस वक्त सरकार की तरफ से हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है।
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