गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्र की उस प्रेस विज्ञिप्ति को ठहराया आंशिक तौर पर अवैध,जो थी फॉर्म जीएसटीआर-3बी की रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि से संबंधित निर्णय पढ़े

Jul 15, 2019

गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्र की उस प्रेस विज्ञिप्ति को ठहराया आंशिक तौर पर अवैध,जो थी फॉर्म जीएसटीआर-3बी की रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि से संबंधित निर्णय पढ़े

फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिर्टन दाखिल करना केवल एक रोक-अंतर या अंतर को रोकने व्यवस्था है और यह फॉंर्म जीएसटीआर-3 के बदले में या उसकी तरह दायर किया जाने वाला रिटर्न नहीं है। यह कहते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्र की उस प्रेस विज्ञप्ति को आंशिक तौर पर अवैध करार दिया है,जो 18 अक्टूबर 2018 को जारी की गई थी। इस विज्ञप्ति में कहा गया था कि जुलाई 2017 से मार्च 2018 के दौरान जारी किए गए चालान से संबंधित इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने की अंतिम तिथि,फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि है। विज्ञप्ति के इस स्पष्टीकरण को कोर्ट ने अवैध करार दिया है। जस्टिस जे.बी परदीवाला और जस्टिस ए.सी रॉव की पीठ ने कहा कि 18 अक्टूबर 2018 को जारी पे्रस विज्ञप्ति को उस हद तक अवैध कहा जा सकता है,जहां इसके पैराग्राफ तीन में स्पष्ट किया गया है कि जुलाई 2017 से मार्च 2018 के दौरान जारी किए गए चालान से संबंधित इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने की अंतिम तिथि,फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि है। '' इस स्पष्टीकरण को सीजीएसटी/जीजीएसटी एक्ट की धारा 16(4) रिड विद सीजीएसटी/जीजीएसटी एक्ट की धारा 39(1) रिड विद सीजीएसटी/जीजीएसटी रूल्स के रूल 61 का विरोधाभासी है।''  सीजीएसटी/जीजीएसटी एक्ट की धारा 16(4) के तहत किसी भी वित्तिय वर्ष में चालान या बिल या डेबिट नोट के संबंध इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की अंतिम तिथि धारा 39 के वित्तिय वर्ष खत्म होने के बाद सितम्बर माह में रिटर्न प्रस्तुत करने की नियत तिथि है या प्रासंगिक वार्षिक रिटर्न भरने की,जो भी पहले हो। यह कहते हुए पीठ ने उस याचिका का निपटारा कर दिया जो चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म एएसपी एंड कंपनी ने अपने वकील निपुण सिंघवी और विशाल जे दवे के जरिए दायर की थी। इस याचिका में इस प्रेस विज्ञप्ति को चुनौती दी गई थी।

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याचिका में कहा गया था कि सीजीएसटी/जीजीएसटी रूल्स रूल 16 को पढ़ने के बाद पता चलता है कि धारा 39 में जिन रिटर्न के बारे में बताया गया है वह फॉर्म जीएसटीआर-3 है,न कि जीएसटीआर-3बी। वादी ने प्रेस विज्ञप्ति ने उस हिस्से को रद्द करने की मांग करते हुए दलील दी कि इस प्रेस विज्ञप्ति में जो स्पष्टीकरण दिया गया है,उससे करदाता सितम्बर 2018 में फॉर्म जीएसटीआर-3बी भरने के बाद जुलाई 2017 से मार्च 2018 के बीच की अवधि के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं कर पाएंगे। यह भी तर्क दिया गया था कि जीएसटीआर-3बी के रूप में रिटर्न जोड़ने का निर्णय 30 जून 2017 को ''पहले दो महीने की कम रिटर्न को पूरा करने''के आधार पर 18वीं जीएसटी परिषद में लिया गया था,न कि फॉर्म जीएसटीआर-3 के रूप में दायर की जाने वाली रिटर्न के विकल्प के रूप में। वादी ने जीएसटी काउंसिल की बजाय केंद्रीय अधिकारी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी करने के मुद्दे को भी चुनौती दी। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने ''विवादास्पद सवाल'' पर निर्णय लिया कि ''क्या फॉर्म जीएसटीआर-3बी के रूप में दायर की जाने वाली रिटर्न,वहीं रिटर्न है जो सीजीएसटी/जीजीएसटी एक्ट की धारा 39 के तहत दायर की जानी चाहिए। क्या यह प्रेस विज्ञप्ति वैध है और सीजीएसटी/जीजीएसटी एक्ट की धारा 16(4) से तालमेल खाती है। या सीजीएसटी/जीजीएसटी एक्ट की धारा 39 के तहत सिर्फ फॉर्म जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल करने की जरूरत है।'' इन सवालों के जवाब देते हुए कोर्ट ने कहा कि-'' यह कहना उचित होगा कि शुरूआत में एक महीने में तीन रिटर्न दायर करने की बात कही गई थी। जिनमें बाहर भेजे जाने वाली सप्लाई के लिए धारा37 के तहत जीएसटीआर-1,आने वाली सप्लाई के लिए धारा 38 के तहत जीएसटीआर-2 और एक संयुक्त फॉर्म जीएसटीआर-3। परंतु बाद में करदाताओं को होने वाली परेशानी व जीएसटीएन पोर्टल में आने वाली तकनीकी समस्याओं को देखते हुए सिर्फ जीएसटीआर-2 व जीएसटीआर-3 दायर करने की बात कही गई। करदाताओं के भार को कम करने के लिए जीएसटी काउंसिल की 18वीं बैठक में निर्णय किया गया कि छोटी या संक्षिप्त रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-3बी के तौर पर दायर की जा सकेगी।

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परंतु यह रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-3 की तरह रिटर्न के तौर पर लागू नहीं की गई थी। फॉर्म जीएसटीआर-3बी के तौर पर दायर की जाने वाली रिटर्न अस्थाई है,जो उस रूकी हुई अवधि के लिए प्रबंध किया गया है,जब तक फॉर्म जीएसटीआर-3 के तौर पर रिटर्न दाखिल की तारीख की घोषणा न हो जाए। सीजीएसटी/जीजीएसटी एक्ट की धारा 39 के तहत फॉर्म जीएसटीआर-3 के तौर पर रिटर्न दायर करने की देय तिथि को बढ़ाने के संबंध में समय-समय पर अधिसूचना जारी होती रहती है। अधिसूचना नंबर 44/2018 केंद्रीय कर 10 सितम्बर 2018 को अधिसूचित की गई,जिसमें कहा गया कि एक्ट की धारा 39 के तहत जुलाई 2017 से मार्च 2019 के लिए रिटर्न दाखिल करने की नियत तिथि बाद में आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित की जाएगी। '' यह भी उचित इंगित किया गया अधिसूचना नंबर 10/2017 केंद्रीय कर 28 जून 2017 को जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि फॉर्म जीएसटीआर-3बी भरना जरूरी है क्योंकि यह जीएसटीआर-3 की तरह ही रिटर्न है। हालांकि सरकार को बाद में अपनी गलती का अहसास हुआ। इस गलती को अधिसूचना नंबर 17/2017 केंद्रीय कर 27 जुलाई 2017 को दोबारा जारी करके ठीक किया गया।''

कोर्ट ने कहा कि

''ऐसे में 18 अक्टूबर 2018 को जारी प्रेस विज्ञप्ति को उसके पैराग्राफ तीन के संबंध में अवैध कहा जा सकता है। जिसमें कहा गया है कि जुलाई 2017 से मार्च 2018 के बीच की अवधि के चालान के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की अंतिम तिथि ही फॉर्म जीएसटीआर-3बी दायर करने की अंतिम तिथि है।''

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