सुप्रीम कोर्ट ने उस वकील को नोटिस जारी किया जिसने दावा किया कि उसे CJI पर आरोप लगाने के लिए 1.5 करोड़ का ऑफर दिया गया

Apr 24, 2019

सुप्रीम कोर्ट ने उस वकील को नोटिस जारी किया जिसने दावा किया कि उसे CJI पर आरोप लगाने के लिए 1.5 करोड़ का ऑफर दिया गया

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर लिए संज्ञान मामले को बुधवार के लिए टाल दिया है।

अदालत ने पूछा , "वकील उत्सव बैंस कहाँ हैं१"
मंगलवार को जैसे ही न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने खचाखच भरी अदालत में मामले की सुनवाई शुरू की तो पीठ ने पूछा कि इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने वाले वकील उत्सव बैंस कहां हैं जिन्होंने दावा किया है कि उन्हें CJI को दोषी ठहराने में उनकी सहायता के लिए रिश्वत की पेशकश की गई थी?

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बैंस को बुधवार को अदालत में होना होगा पेश
जवाब ना मिलने पर पीठ ने बैंस को नोटिस जारी कर बुधवार को अदालत में पेश होने को कहा है। पीठ ने बैंस से उनके हलफनामे में मौजूद पैरा 17 और 20 पर भी सफाई मांगी है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि एक कॉरपोरेट हस्ती ने सुप्रीम कोर्ट के जज से मिलकर अपने पक्ष में फैसला लेने की कोशिश की थी और वो इस पूरे घटनाक्रम में शामिल लोगों के नाम सीलकवर में अदालत को दे सकते हैं। अपने फैसले में पीठ ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को वकील बैंस को सुरक्षा मुहैया कराने और बुधवार को कोर्ट में उनकी पेशी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।
 उत्सव बैंस का अदालत में हलफनामा
CJI के खिलाफ आरोपों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई मुकदमे की कार्यवाही में वकील उत्सव बैंस ने दायर एक हलफनामे में यह कहा है कि 4 अप्रैल को एक अज्ञात व्यक्ति, जिसने खुद को 'अजय' के रूप में पेश किया, ने उनसे संपर्क किया और बताया कि वो आरोप लगाने वाली (CJI पर) पूर्व जूनियर कोर्ट असिस्टेंट का रिश्तेदार है और CJI द्वारा पूर्व कर्मी और उसके परिवार को सताया जा रहा है।
CJI के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस के बदले पैसों की पेशकश
बैंस ने कहा कि जब वो आरोपों की सच्चाई के बारे में आश्वस्त नहीं हुए तो 'अजय' ने पीड़ित महिला के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब दिए। 'अजय' ने अचानक ट्रैक बदल दिया और बैंस से अनुरोध किया कि वे CJI के खिलाफ आरोपों को हवा देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की व्यवस्था करें और इसके बदले में वे 50 लाख रुपये ले लें।

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अनिच्छा व्यक्त करने पर रकम को बढ़ाया गया
 शपथ पत्र में कहा गया कि जब उन्होंने ऐसा करने की अनिच्छा व्यक्त की तो इस प्रस्ताव को बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दिया गया। हलफनामे में कहा गया है कि बैंस द्वारा की गई पूछताछ से पता चला है कि यह 'फिक्सर' द्वारा एक साजिश थी।  
"फिक्सर हैं इस साजिश के पीछे"
शपथपत्र में कहा गया कि, "डिपॉजिटर को विश्वसनीय सूत्रों द्वारा सूचित किया गया कि कुछ 'फिक्सर', जो दावा करते हैं कि पैसे के बदले में अवैध रूप से फैसले दिए जा रहे हैं, इस साजिश के पीछे हैं क्योंकि माननीय CJI ने ऐसे फिक्सर पर नकेल कसने के लिए कई निर्णायक कार्रवाई की है।" कहा गया कि "नाम न छापने की शर्त पर एक विश्वसनीय व्यक्ति" ने उसे बताया कि "माननीय उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से संपर्क करने की कोशिश करने वाले कॉरपोरेट व्यक्ति ने इस माननीय न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध एक हाई-प्रोफाइल मामले में एक अनुकूल आदेश प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे और तब उक्त कॉरपोरेट हस्ती ने उस सर्वोच्च न्यायालय के जज से मामले को स्थानांतरित करने का प्रयास किया, लेकिन वे फिर सफल नहीं हुए और इस तरह रोमेश शर्मा और उनके सहयोगियों द्वारा CJI को फंसाने के लिए एक कथित फिक्सर के साथ ये सब किया गया ताकि वो दबाव में इस्तीफा दे दें।" हलफनामे में आगे यह भी कहा गया है कि रोमेश शर्मा ने असंतुष्ट कर्मचारियों और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व कर्मचारियों के साथ भी ये साजिश रची थी।

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नरेश अग्रवाल एवं दाऊद इब्राहिम के नाम का शपथपत्र में जिक्र
बैंस ने आरोप लगाया है कि जेट एयरवेज के पूर्व मालिक नरेश गोयल ने "रोमेश शर्मा" के माध्यम से CJI को रिश्वत देने की कोशिश की थी, जिसे बॉम्बे ब्लास्ट केस के आरोपी दाऊद इब्राहिम ने गोयल से मिलवाया था। उन्होंने "सील कवर" में अधिक विवरण प्रस्तुत करने की पेशकश की है, और यह कहा है कि वह स्रोतों के नाम साझा नहीं कर सकते क्योंकि वे "अधिवक्ता अधिनियम के तहत विशेषाधिकार प्राप्त संचार" हैं।
बैंस ने खुद की जान को बताया खतरे में
बैंस ने खुद की सुरक्षा को लेकर डर भी व्यक्त किया और कहा कि "इस बात से भी अवगत है कि रोमेश शर्मा और नरेश गोयल के दाऊद इब्राहिम के साथ स्थापित संबंधों के कारण इस हलफनामे को दायर करने के बाद उनका जीवन खतरे में आ जाएगा।"
'असंतुष्ट जजों की लॉबी'
बैंस ने 20 अप्रैल को शाम 6.50 बजे इस मुद्दे पर एक फेसबुक पोस्ट किया था जहां उन्होंने कहा था कि वह एक लॉबी द्वारा CJI के खिलाफ साजिश के साक्ष्य पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करेंगे। असंतुष्ट जजों, फिक्सर, कॉरपोरेट घोटालेबाजों और कुछ भ्रष्ट राजनेताओं - सभी ने सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध तरीके से CJI को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने की कोशिश की है, क्योंकि उनके भ्रष्ट कार्य सुप्रीम कोर्ट में नहीं चल रहे हैं।

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