आज तक किसी भी सरकार ने किसानों को 6000 रूपये भी नहीं दिए हैं: नरेन्द्र सिंह तोमर
आज तक किसी भी सरकार ने किसानों को 6000 रूपये भी नहीं दिए हैं: नरेन्द्र सिंह तोमर
कैबिनेट मंत्री भारत सरकार (कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय)
हमारी सरकार किसानों के प्रति शुरू से संवेदन शील रही है और आगे भी रहेगी प्रधानमन्त्री जी की मंशा थी की खजाने का पैसा भी किसान की जेब तक पहुँचना चाहिए अब देश के 14.5 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिलेगा | पेन्शन 60 वर्ष की उम्र के बाद कम से कम 3000 रुपए प्रतिमाह उसके जीवित रहने तक मिलेगी, जब वह जीवित नहीं रहेगा तो उसकी पत्नी को 50 प्रतिशत पेन्शन मिलेगी. नरेन्द्र सिंह तोमर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बहुत ही खास सिपहसलार में गिने जाते हैं। नरेन्द्र सिंह तोमर ने नरेन्द्र मोदी सरकार पार्ट-2 में एक बार फिर कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लीमोदी सरकार के पहले कार्यकाल में नरेंद्र सिंह तोमर के पास ग्रामीण विकास और कोयला मंत्रालय था. मध्य प्रदेश की मुरैना लोकसभा सीट बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर ने जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के रामनिवास रावत को हराया था. नरेंद्र सिंह तोमर ने 113341 वोटों से जीत हासिल की थी. इस सीट पर बीजेपी की लगातार सातवीं जीत है
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कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर जीत साल 1991 में जीत मिली थी.इस सीट पर छठे चरण में 12 मई को वोटिंग हुई थी,जिसमें क्षेत्र के कुल 1828660 वोटरों में से 61. 97 फीसदी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. मुरैना संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. इनमें माधवपुर, विजयपुर, सबलगढ़, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह विधानसभा सीटें शामिल हैं. यहां की 8 विधानसभा सीटों में से 7 पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि बीजेपी के पास एक सीट हैमोदी कैबिनेट में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने नरेंद्र सिंह तोमर को ग्राम विकास और कृषि मंत्रालय का भार सौंपा है। इन दो मंत्रालयों को एक ही मंत्री को देने के पीछे पीएम मोदी का फैसला सरकार के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है साथ ही इससे कृषि क्षेत्र में आये संकटों से उबरा जा सकता है। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में पोरसा विकास खंड के तहत आने वाले ग्राम ओरेठी में मुंशी सिंह तोमर नामक किसान के पुत्र नरेंद्र सिंह तोमर का जन्म 12 जून 1957 को तोमर राजपूत परिवार में हुआ था। उन्होंने स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है। वे इस दौरान महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। शिक्षा पूरी करने के बाद वे ग्वालियर नगर निगम के पार्षद पद पर निर्वाचित हुए। इसके बाद वे पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय रहे। वे 1977 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बनाए गए।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल किए गए मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर संगठनात्मक क्षमता के साथ ही प्रशासन पर मजबूत पकड़ और कुशल रणनीति कार के रूप में जाने जाते हैं। बात करने की बजाए काम को तवज्जो देने वाले तोमर पहली बार प्रदेश के मुरैना संसदीय क्षेत्र से वर्ष 2009 में लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। वे इसके पहले प्रदेश से राज्यसभा सदस्य थे। तोमर इस बार ग्वालियर लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए हैं। वे युवा मोर्चा में विभिन्न पदों पर रहते हुए 1996 में युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए। तोमर पहली बार 1998 में ग्वालियर से विधायक निर्वाचित हुए और इसी क्षेत्र से वर्ष 2003 में दूसरी बार चुनाव जीता। इस दौरान वे सुश्री उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चैहान मंत्रिमंडल में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे। उन्हें वर्ष 2008 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष, सोमनाथ चटर्जी ने उत्कृष्ट मंत्री के रूप में सम्मानित किया था। तोमर वर्ष 2008 में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए और उसके बाद वे 15 जनवरी 2009 में निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुने गए। बाद में वे पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री पद पर रहे। तोमर एक बार फिर 16 दिसम्बर 2012 को पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए। इनसे “उद्योग विहार” के “एडिटर इन चीफ”“सत्येन्द्र सिंह” से बातचीत के कुछ अंश आपके सम्मुख प्रस्तुत हैं। सत्येन्द्र सिंह - आपको कृषि मंत्रालय का भारी भरकम मंत्रालय सौंपा गया है, आपका क्या विजन किसानों के प्रति रहेगा? नरेन्द्र सिंह तोमर - हाँ , मुझे कृषि मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है और मैं पूरी जिम्मेवारी के साथ इस कर्तव्य का पालन करूंगा और प्रधानमन्त्री जी के सपनों को पूरा करूँगा. हमारी सरकार किसानों के प्रति शुरू से संवेदन शील रही है और आगे भी रहेगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था की 5 वर्षों में किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे. इस दृष्टि से विगत पाँच वर्षों में मोदी सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं. किसान का उत्पादन बढे, किसान की उत्पादकता बढे, इस दृष्टि से सिंचाई के साधन बढ़ाये गए हैं. सूक्ष्म सिंचाई पर जोर दिया गया है, किसानों के उत्पादन की मार्केटिंग हो सके इसके लिए व्यवस्था की गयी है. किसान को फसल की लागत से डेढ़ गुना समर्थन मूल्य मिले यह सुनिश्चित किया गया है. साथ ही प्रधानमन्त्री जी की मंशा थी की खजाने का पैसा भी किसान की जेब तक पहुँचना चाहिए
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इसी के लिए किसान सम्मान योजना बनायीं गयी थी | सत्येन्द्र सिंह - सरकार किसानों के हित में क्या फैसला लेने जा रही है? नरेन्द्र सिंह तोमर सरकार ने आज की कैबिनेट की बैठक में किसानों के हित में बड़े ही दूरगामी एवं बड़े फैसले लिए गए हैं. ये फैसले मा नरेन्द्र मोदी जी की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता एवं उनके विकास के लिए जो भावना है उसको प्रकट करते हैं, और हम इनकी बेहतरी के लिए कई तरह की योजनायें भी ला रहे हैं सत्येन्द्र सिंह - किसानों के हित में क्या योजनायें सरकार लाने जा रही है? कृपया बताएं किसान सम्मान योजना क्या है ? नरेन्द्र सिंह तोमर - आम बजट में इस योजना के तहत 12.5 करोड़ लघु एवं सीमान्त किसानों को सालाना 6000 रूपये देने का प्रावधान किया गया था . सरकार ने लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए शुरू की गयी किसान सम्मान निधि योजना का दरवाजा अब सभी किसानों के लिए खोल दिया है. अब इसमें 2 करोड़ किसान और जुड़ जायेंगे, यानि अब देश के 14.5 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिलेगा. इससे सरकार के खजाने पर 87 हजार करोड़ रूपये का बोझ पड़ेगाअभी तक इस योजना का खर्च सिर्फ 75 हजार करोड़ का आता था. अतिरिक्त खर्च को बजट से लिया जायेगा. अभी तक यह लाभ सिर्फ दो हेक्टेयर की सीमा तक वाले किसानों को ही मिलता था. इस सीमा को समाप्त करने से अतिरिक्त 12 हजार करोड़ रूपये खर्च होंगे. आज तक किसी सरकार ने 6000 रूपये भी किसानों को नहीं दिए हैं .सत्येन्द्र सिंह - किसानों के हित में और क्या योजनायें लायी गयी हैं ? नरेन्द्र सिंह तोमर - सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमन्त्री किसान पेन्शन योजना की शुरुआत की है. इसमें 18 से 40 वर्ष तक के किसान शामिल हो सकेंगे. पेन्शन 60 वर्ष की उम्र के बाद कम से कम 3000 रूपये प्रतिमाह उसके जीवित रहने तक मिलेगी, जब वह जीवित नहीं रहेगा तो उसकी पत्नी को 50 प्रतिशत पेन्शन मिलेगी. और जब दोनों नहीं रहेंगे तो यह सारा फंड कार्पस में शामिल हो जायेगा. 12.5 करोड़ ऐसे किसानों में से पांच करोड़ को पहले चरण में ही इसका लाभ मिलेगा.
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इसके तहत न्यूनतम 55 रुपये मासिक किस्त देनी होगी और इतनी ही राशि केन्द्र सरकार वहन करेगी. इस योजना पर 10 हजार करोड़ का खर्च आएगा. इस योजना में 1.5 करोड़ रुपये टर्नओवर वाले व्यापारियों को भी शामिल किया गया है जो जी एस टी के दायरे में नहीं आते हैं. इस योजना का क्रियान्वयन एल आई सी के माध्यम से भारत सरकार करेगीसत्य सत्येन्द्र सिंह - पशुओं को पालने में किसानों को बहुत खर्च करना पड़ता है, जिसकी वजह से किसानों के पशु मर भी जाते हैं ? नरेन्द्र सिंह तोमर - सरकार पशुओं के टीकाकरण की योजना को लायी है ताकि किसानों के पशु सुरक्षित एवं निरोग रहें और किसानों का खर्च भी बचे. सरकार ने पशुधन की सुरक्षा का जिम्मा भी लिया है, इस फैसले से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. संक्रामक रोगों के चलते पशुओं में महामारी देश में आम है. सरकार इस दिशा में बड़ी पहल करते हुए देश व्यापी टीकाकरण योजना शुरू करेगी. इस पर 13 हजार करोड़ का खर्चा आएगाइस योजना के अभी तक विफल होने की वजह केंद्र व राज्यों में 60 रू 40 फीसदी की सहभागिता रही है. लेकिन अब केंद्र सरकार ही इसका पूरा भार स्वयं उठाएगी. पाँच वर्षों में इस योजना के पूरा होने पर देश में ऐसी संक्रामक बीमारियों का उन्मूलन हो जायेगा. 30 करोड़ गायों, भैंसों व बैलों के साथ 20 करोड़ भेड़, बकरियों व एक करोड़ सूअरों का टीकाकरण किया जायेगासत्य सत्येन्द्र सिंह - क्या इजराइल की तकनीक का प्रयोग भी खेती में किया जायेगा? नरेन्द्र सिंह तोमर - सरकार हर आधुनिक तकनीक का प्रयोग करेगी, लेकिन यह बात भी महत्वपुर्ण है की हमें इजराइल की तकनीक का इस्तेमाल करने के पहले वहाँ के नागरिकों की तरह भी बनना पड़ेगा.
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