अनुच्छेद 370: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को लिस्ट करने पर सहमति जताई
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भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया गया था। सीजेआई ने कहा, "हम विचार करेंगे और तारीख देंगे।" इससे पहले, भारत के पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित ने कहा था कि दशहरे की छुट्टी के बाद याचिकाओं को निश्चित रूप से सूचीबद्ध किया जाएगा। हालांकि, याचिकाएं सूचीबद्ध नहीं हुईं।
बता दें, साल 2019 में याचिकाओं को जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की संविधान पीठ के पास भेजा गया था। पीठ के सदस्यों में से एक जस्टिस सुभाष रेड्डी इस साल जनवरी में सेवानिवृत्त हुए। अगस्त 2019 में केंद्र की ओर से जारी अधिसूचना के लगभग 4 महीने बाद, दिसंबर 2019 में 5-जजों की पीठ के समक्ष अनुच्छेद 370 के मामलों पर सुनवाई शुरू हुई। इस मामले में प्रारंभिक मुद्दा उठा कि क्या प्रेम नाथ कौल और संपत प्रकाश के मामलों में सुप्रीम कोर्ट की दो समन्वयित पीठों की अलग-अलग राय के बाद मामले को 7-जजों की पीठ के पास भेजा गया था। 2 मार्च, 2020 को दिए गए एक फैसले में संविधान पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत जारी राष्ट्रपति के आदेशों को चुनौती देने के मामले को बड़ी बेंच को भेजने की कोई आवश्यकता नहीं है। याचिकाओं को 2 मार्च, 2020 के बाद सूचीबद्ध नहीं किया गया है।