भारत की पहली महिला सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस फातिमा बीवी का निधन

Nov 15, 2023
Source: https://hindi.livelaw.in/

सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाली पहली महिला जज, जस्टिस एम. फातिमा बीवी का आज (गुरुवार) 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अपने लंबे और उल्लेखनीय करियर में (दिवंगत) जस्टिस बीवी ने देश भर में महिलाओं के लिए आदर्श और आइकन के रूप में काम किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जज की पोस्ट से रिटायर्डमेंट के बाद तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होकर राजनीतिक क्षेत्र पर भी अपनी छाप छोड़ी। केरल के पंडालम की रहने वाली जस्टिस बीवी ने यूनिवर्सिटी कॉलेज, तिरुवनंतपुरम से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल करने से पहले पथानामथिट्टा के कैथोलिकेट हाईस्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से बैचलर ऑफ लॉ की डिग्री प्राप्त की और 14 नवंबर, 1950 को वकील के रूप में नामांकित हुईं। उन्होंने 1950 में केरल की निचली न्यायपालिका में अपना करियर शुरू किया और जल्द ही केरल अधीनस्थ न्यायिक सेवाओं में मुंसिफ के रूप में, अधीनस्थ न्यायाधीश के रूप में, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में, जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में सेवा करते हुए रैंकों में आगे बढ़ीं। आगे चलकर वह आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण की न्यायिक सदस्य, 1983 में हाईकोर्ट की जज और 1989 में सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं। वह किसी भी हाईकोर्ट में नियुक्त होने वाली पहली मुस्लिम महिला जज भी थीं। इसके साथ ही, एशिया में किसी देश के सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज होने का गौरव भी रखती थीं। अपने रिटायर्डमेंट के बाद तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्होंने पहली बार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य के रूप में कार्य किया। राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने तमिलनाडु यूनिवर्सिटी की वाइस-चांसलर के रूप में भी कार्य किया। वह 1990 में डी. लिट और महिला शिरोमणि जैसे माननीय पुरस्कार प्राप्तकर्ता थीं। उन्हें भारत ज्योति पुरस्कार और यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।

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