लखीमपुर खीरी हिंसा | सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए बनी एसआईटी भंग की, निगरानी के लिए नियुक्त रिटायर्ड जज को कार्यमुक्त किया

Sep 19, 2023
Source: https://hindi.livelaw.in/

सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को सोमवार को भंग कर दिया। उल्‍लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी हिंसा में चार प्रदर्शनकारी किसानों सहित आठ लोगों की जान चली गई थी, जिन्हें कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी नेता अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले में शामिल एक वाहन ने कुचल दिया था। अदालत ने पंजाब और हरियाणा ‌हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राकेश कुमार जैन को भी उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया, जिन्हें जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया गया था। जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे अदालत के खुद के प्रस्ताव पर तब पंजीकृत किया था, जब उत्तर प्रदेश के दो वकीलों ने चीफ ज‌स्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर घटना की जांच स्वतंत्र रूप से सीबीआई से कराने की मांग की थी। आज की सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राकेश कुमार जैन की देखरेख में विशेष जांच दल ने पिछले साल जनवरी में दायर दो एफआईआर के संबंध में जांच पूरी कर चुका है और आरोप पत्र दायर किया जा चुका है। इन घटनाक्रमों के मद्देनजर पीठ ने आज फैसला सुनाया कि विशेष जांच दल का अधिकार समाप्त हो गया है। पीठ ने कहा, "...चूंकि विशेष जांच दल ने जांच पूरी कर ली है, आरोप-पत्र दाखिल कर दिए हैं, और अब मामला ट्रायल कोर्ट के समक्ष लंबित है, हमें ऐसा प्रतीत होता है कि उसका कार्य समाप्त हो चुका है।" अदालत ने इस साल जुलाई में विशेष जांच दल का नेतृत्व करने वाले आईपीएस अधिकारी एसपी शिराडकर द्वारा भेजे गए एक पत्र का भी हवाला दिया। शिराडकर, जो अब लखनऊ के पुलिस आयुक्त के रूप में तैनात हैं, ने अपने पत्र में बाद की घटनाओं का जिक्र किया। इन पर ध्यान देते हुए, अदालत ने कहा - “…हम संतुष्ट हैं कि इस स्तर पर, विशेष जांच दल के सदस्यों और जस्टिस राकेश कुमार जैन को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा सकता है। हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि यदि विशेष जांच दल के पुनर्गठन या किसी संबंधित मुद्दे की कोई आवश्यकता उत्पन्न होती है, तो एक उचित आदेश पारित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद आज राज्य सरकार की ओर से अदालत में पेश हुईं।