सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए को गौतम नवलखा की हाउस अरेस्ट लोकेशन में बदलाव के संबंध में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिया

May 16, 2023
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा की हाउस अरेस्ट लोकेशन में बदलाव के संबंध में जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ मुंबई में उनकी हाउस अरेस्ट लोकेशन के ट्रांसफर करने की मांग वाली उनकी याचिका पर विचार कर रही थी। पिछले मौके पर बेंच ने नवलखा को निर्देश दिया कि वे निगरानी के खर्च और लागत को पूरा करने के लिए 8 लाख रुपये जमा करें, जैसा कि उनके आदेश दिनांक 10.11.2022 में बताया गया। 10 नवंबर, 2022 को अदालत ने 73 वर्षीय नवलखा की बढ़ती उम्र और कई बीमारियों को देखते हुए उन्हें तलोजा सेंट्रल जेल से हाउस अरेस्ट करने का आदेश दिया। उस आदेश में अदालत ने दर्ज किया कि जब वह हाउस अरेस्ट है तो निगरानी का खर्च स्वयं नवलखा द्वारा वहन किया जाएगा। खंडपीठ के समक्ष सोमवार को नवलखा की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट नित्या रामकृष्णन ने कहा कि कुछ कठिनाइयों के कारण आठ लाख रुपये की राशि जमा करना अभी बाकी है। हालांकि, उन्होंने बेंच को बताया कि एनआईए को इसकी जानकारी है और उक्त राशि दो दिनों में जमा करा दिया जाएगा। जस्टिस जोसेफ ने पूछा, ''ट्रायल का स्टेज क्या है?'' इस पर रामकृष्णन ने जवाब दिया कि ट्रायल कोर्ट द्वारा सह-आरोपी से संबंधित अन्य मामले में भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि वह अगले साल के लिए आरोप तय नहीं कर पाएगी। नवलखा को मूल रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नियंत्रण में लाइब्रेरी हाउस की पहली मंजिल में एक हॉल में रखा गया है। हालांकि, चूंकि ट्रस्ट जगह वापस चाहता है, इसलिए नवलखा को दूसरे आवास की तलाश करने के लिए विवश होना पड़ा। सुनवाई की पिछली तारीख पर रामकृष्णन ने बेंच को बताया कि बड़ी मुश्किल से नवलखा को अब अलीबाग में किराए पर जगह मिली है। एनआईए की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने नवलखा की वर्तमान हाउस अरेस्ट लोकेशन के संबंध में तीन मुद्दे उठाए- 1. हाउस अरेस्ट की मांग करने का प्राथमिक कारण नवलखा की मेडिकल स्थिति है। हालांकि, उनके अलीबाग स्थित घर के आसपास कोई सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल नहीं है। उसी के मद्देनजर एएसजी ने संकेत दिया कि मेडिकल स्थिति का आधार तमाशा हो सकता है। रामकृष्णन ने उनकी अधीनता पर आपत्ति जताई। 2. अलीबाग कोर्ट से 110 किमी दूर है। नवलखा को हर बार कोर्ट ले जाने में 3 घंटे लगते हैं। इस संबंध में एएसजी ने प्रस्तुत किया, "यह बहुत बोझिल है, बहुत संभव नहीं है। लगभग 6-7 घंटे केवल यात्रा में ही निकल जाते हैं।” रामकृष्णन ने प्रस्तुत किया कि अलीबाग में उनका घर उसी जिले में है, जहां तलोजा जेल है। 3. तीसरा कारण सामने रखा गया सुरक्षा मुद्दा। नया घर समुद्र के किनारे होने के कारण वहां सुरक्षा जांच करना मुश्किल होता है। रामकृष्णन ने प्रस्तुत किया कि हाउस अरेस्ट की लोकेशन पर बहस की जा सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर अलीबाग में घर के संबंध में आपत्ति है तो नवलखा को आवास के लिए अन्य स्थानों की तलाश के लिए कुछ समय दिया जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि एनआईए ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने में समय लिया है, इस बीच उन्हें एनआईए को आवास के लिए संभावित स्थानों की सूची प्रदान करने की अनुमति दी जा सकती है। खंडपीठ ने कहा कि वह 14 अगस्त, 2023 को इस मामले को उठाएगी। हालांकि, रामकृष्णन ने अगस्त के आखिरी सप्ताह में तारीख मांगी। उन्होंने प्रस्तुत किया, “अगस्त का अंतिम सप्ताह दिया जाए। बंबई में घर ढूंढना आसान नहीं है। हमें कुछ और समय दिया जा सकता है।” इसके बाद खंडपीठ ने संकेत दिया कि मामले को 18 अगस्त, 2023 को उठाया जा सकता है।