अनुच्छेद 370: मुख्य याचिकाकर्ता पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने का आरोप, सुप्रीम कोर्ट जवाब मांगेगा
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अनुच्छेद 370 मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में मुख्य याचिकाकर्ता, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता मोहम्मद अकबर लोन पर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने का आरोप लगा है। मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ ने सोमवार को कहा कि वह इस संबंध में मुख्य याचिकाकर्ता से जवाब मांगेगी। आज सुबह जैसे ही पीठ बैठी, कश्मीरी पंडितों के संगठन "रूट्स इन कश्मीर" की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनकी जानकारी में एक "आश्चर्यजनक तथ्य" आया है, जिसके बारे में उन्होंने एक हलफनामा दायर किया है। उन्होंने बताया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता मोहम्मद अकबर लोन ने राज्य विधानसभा और अन्य स्थानों पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए थे। इस बिंदु पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोन को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करना चाहिए, जिसमें उन्हें बताना चाहिए कि वह भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं और अलगाववादी ताकतों और आतंकवाद का विरोध करते हैं। एक अन्य वकील ने मांग की कि लोन को माफी मांगनी चाहिए और उनकी दलीलों को रिकॉर्ड पर तभी लिया जाना चाहिए, जब वह अपने बयानों के लिए पश्चाताप व्यक्त करें। एसजी मेहता ने कहा, "केवल पश्चाताप ही नहीं, उन्हें कहना होगा कि वह जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की अलगाववादी गतिविधियों और आतंकवाद का विरोध करते हैं।" अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का समर्थन कर रहे पक्षों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट वी गिरी ने कहा, "कोई व्यक्ति देश की सुप्रीम कोर्ट के सामने आता है, राष्ट्रपति के आदेशों को चुनौती देता है और वह माफी नहीं मांगता है। यदि उसने वह बयान दिया है, तो उसकी दलीलों को रिकॉर्ड पर तभी लिया जाना चाहिए जब वह माननीय अदालत के समक्ष माफी मांगे और इसे रिकॉर्ड में रखे।" इस बिंदु पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हमें आपकी बात समझ में आ गई। हम रिज्वांइडर मे इसे माननीय वकील के समक्ष रखेंगे।" एसजी ने बताया कि लोन कोई सामान्य व्यक्ति नहीं, बल्कि संसद सदस्य हैं। उन्होंने कहा, "अदालत के संज्ञान में लाए जाने के बावजूद अगर वह कुछ नहीं करते हैं तो यह दूसरों को प्रोत्साहित कर सकता है। सामान्य स्थिति लाने के लिए राष्ट्र की ओर से जो प्रयास किए गए हैं, जो काफी हद तक सफल रहे हैं, वो प्रभावित हो सकते हैं। ऐसा जिम्मेदार नेताओं की ओर से कहा गया है, इसलिए इसकी अपनी गंभीरता है।"