टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती? सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से उसे यह बताने को कहा कि क्या टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी के खिलाफ कोई लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया है और उन्हें इलाज के लिए विदेश यात्रा की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा, "हम केवल यह जानना चाहते हैं कि क्या याचिकाकर्ताओं के लिए एलओसी जारी की गई है और उन्होंने विदेश में मेडिकल ट्रीटमेंट की मांग की है तो उन्हें यात्रा की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए।" जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए विदेश यात्रा करने की मांग करने वाले बनर्जी द्वारा दायर आवेदनों पर विचार करते हुए एजेंसी से यह भी जवाब देने को कहा कि आवेदकों को यात्रा की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए। जस्टिस कौल ने मौखिक रूप से कहा, " विदेश यात्रा का मुद्दा भी एक अधिकार है जब तक कि यह आशंका न हो कि वे भाग जाएंगे।" रुजिरा बनर्जी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बेंच को बताया कि जब उनकी मुवक्किल 5 जून को एयरपोर्ट गईं तो उन्हें बताया गया कि उनके खिलाफ एलओसी है। उन्होंने कहा कि रुजिरा के संबंध में ईसीआर 2020 में रजिस्टर्ड किया गया था। इसके बाद उन्होंने बिना किसी आपत्ति के विदेश यात्रा की और उन्हें 5 जून से पहले सूचित नहीं किया गया कि उनके खिलाफ एलओसी जारी किया गया है। जस्टिस कौल ने ईडी की ओर से पेश एएसजी, एसवी राजू से पूछा, " क्या कोई एलओसी है।" एएसजी ने आवेदनों के सुनवाई योग्य होने के मुद्दे पर आपत्ति जताई, हालांकि, एलओसी जारी करने के संबंध में निर्देश लेने के लिए समय मांगा। सिब्बल ने बेंच को आगे बताया कि अभिषेक बनर्जी 26 जुलाई को यात्रा कर रहे हैं। वह इलाज के लिए विदेश जा रहे हैं। उक्त आवेदन के संबंध में एएसजी ने सुनवाई योग्य होने के मुद्दे पर अपनी आपत्तियां दोहराईं। उनके अनुसार आवेदन में कार्रवाई के कारण का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने वैकल्पिक उपायों का इस्तेमाल किए बिना आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख सिर्फ इसलिए किया है क्योंकि कुछ असंबद्ध मामला उसके समक्ष लंबित है। मुख्य याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश की आलोचना की गई है, जिसमें कोयला घोटाला मामले में पूछताछ के लिए नई दिल्ली में पेश होने के लिए बनर्जी परिवार को जारी किए गए समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। 2022 में शीर्ष अदालत ने उक्त आदेश के प्रभाव और संचालन पर रोक लगा दी और एजेंसी को दिल्ली के बजाय कोलकाता में बनर्जी से पूछताछ करने का निर्देश दिया। जस्टिस कौल ने पूछा, "मामले का चरण क्या है?" एएसजी ने जवाब दिया कि ईडी आवेदकों की जांच कर रही है। जस्टिस कौल ने कहा, ' आप पिछले एक साल से अभी भी उनसे पूछताछ कर रहे हैं।' एएसजी ने पीठ को अवगत कराया कि ईडी उन्हें नियमित रूप से नहीं बुला रहा है। जस्टिस कौल को इस बात की चिंता थी कि जब जांच लंबित थी तो बनर्जी परिवार के खिलाफ एलओसी किस आधार पर जारी की गई। उन्होंने कहा, “विदेश यात्रा का मुद्दा भी एक अधिकार है जब तक कि यह आशंका न हो कि वे भाग जाएंगे। आप अनावश्यक रूप से मुकदमेबाजी क्यों पैदा करते हैं।” एएसजी ने कहा कि वह निर्देश मांगेंगे। उसी के मद्देनजर मामले को शुक्रवार (28 जुलाई, 2023) तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।