13 श्रम कानूनों को मिलाकर एक संहिता

Jul 12, 2019

13 श्रम कानूनों को मिलाकर एक संहिता

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : सरकार ने नौकरी में कार्य के दौरान कामगारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशाओं को सुनिश्चित करने वाले 13 केंद्रीय श्रम कानूनों को मिलाकर एक श्रम संहिता में तब्दील करने से संबंधित विधेयक को मंजूरी दे दी है। संसद से पारित होने व कानून बनने पर इसके प्रावधान खनन व बंदरगाह क्षेत्र को छोड़ 10 व उससे अधिक कर्मचारियों वाले सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे। खनन व बंदरगाह क्षेत्र में ये एक या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होगा।

कार्यगत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशाएं विधेयक, 2019 नाम से इस विधेयक को कानून की शक्ल देने के लिए अगले एक सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृत इस प्रस्ताव के बारे में श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि इस श्रम संहिता के तहत श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम की दशाओं की निगरानी की जाएगी। अभी भी श्रमिकों को बहुत स्थानों पर नियुक्ति पत्र नहीं मिलता। अब ये कानूनी रूप से जरूरी होगा। इसके अलावा प्रति वर्ष श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच जरूरी होगी। इस संहिता में नियोक्ताओं के लिए भी प्रक्रिया आसान की गई है। रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस व रिटर्न को आसान बनाया गया है। अब इनके लिए उन्हें केवल एक-एक फार्म भरना पड़ेगा। अभी कहीं 10 और कहीं 21 तक फार्म भरने पड़ते हैं।

न्यूनतम वेतन संहिता : गंगवार ने कहा कि वेतन से संबधित श्रम संहिता का बिल अगले दो-तीन दिन में संसद में पेश किया जाएगा। इसके जरिये देश भर में सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन के दायरे में लाया गया है। इससे लगभग 30 करोड़ कामगारों को लाभ मिलेगा। इस बिल के माध्यम से 178 रुपये का न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया है। जो राज्य इससे ज्यादा वेतन दे रहे हैं, वे देते रहेंगे। उन पर कोई पाबंदी नहीं है।

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