सात घंटे में एक ही जगह से बंटे 66 हजार पौधे
सात घंटे में एक ही जगह से बंटे 66 हजार पौधे
जगह वही थी, जहां पिछले कुंभ में गिनीज बुक में कई कीर्तिमान दर्ज हुए थे लेकिन उस बार बारी हरियाली की थी। परेड मैदान में सात घंटे के भीतर 66 हजार पौधों का वितरण कर संगमनगरी ने यह कीर्तिमान बनाया। कुंभ-2019 में तीन विश्व कीर्तिमान बना चुके प्रयागराज के खाते में यह चौथा रिकार्ड था। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड टीम के प्रतिनिधि स्वप्निल डांगरेकर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विश्व रिकॉर्ड का प्रमाणपत्र सौंपा।
पिछले दिनों प्रयागराज में हुए कुंभ मेला के दौरान तीन गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड बने थे। इसमें एक साथ सबसे ज्यादा शटल बसों को चलाने, सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान और सार्वजनिक स्थलों पर सबसे बड़ा पेंटिंग अभ्यास का रिकॉर्ड था। शुक्रवार को चौथा कीर्तिमान गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड की टीम की निगरानी में दर्ज हुआ। वैसे परेड पर बांटने के लिए 1.20 लाख पौधे लाए गए थे। चूंकि चार बजे तक मुख्यमंत्री को आना था, इसलिए तीन बजे के बाद नाम लिखकर पौधे बांटने का सिलसिला रोक दिया गया। मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद शाम को बिना कोई रिकॉर्ड दर्ज किए लोगों को पौधे बांटे गए।
अब तक यूएई के पास था यह रिकार्ड : प्रयागराज से पूर्व आठ घंटे में सबसे अधिक पौधे बांटने का रिकार्ड संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के पास था। वहां वर्ष 2009 में 9371 पौधों का वितरण किया गया था। प्रयागराज में जो रिकार्ड बना वह उससे लगभग सात गुना है। अभी फाइनल नहीं हुआ महाराष्ट्र का रिकॉर्ड : पिछले दिनों महाराष्ट्र सरकार ने एक दिन में 30 हजार पौधे बांटकर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड बनाने का दावा किया था, लेकिन गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों ने बताया कि उनका मामला अभी फाइनल नहीं हुआ है।
2007 में एक करोड़ पौधारोपण का का पहला रिकॉर्ड: यूपी के वन एवं पर्यावरण विभाग के नाम भी शुक्रवार को चौथा विश्व रिकॉर्ड दर्ज हुआ। सबसे पहला रिकॉर्ड वर्ष 2007 में एक करोड़ पौधारोपण का दर्ज हुआ था। इसके बाद वर्ष 2015 में 10 लोकेशन पर 10 लाख पौधे वितरित कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया था। तीसरा रिकॉर्ड वर्ष 2016 में पांच करोड़ पौधारोपण का बना था। चौथा रिकॉर्ड शुक्रवार को प्रयागराज में 76824 पौधों के निशुल्क वितरण का बना है।
जागरण संवाददाता, आगरा : प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शुक्रवार को कासगंज जिले के चंदनपुर घटियारी क्षेत्र में पारिजात का पौधा रोप ह्यवृक्षारोपण महाकुंभ-2019ह्ण का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि पौधा रोपने और जल संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबकी है।
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समारोह में ग्लोबल वाद्गमंग पर चिंता जताते हुए राज्यपाल ने बच्चों से आह्वान करते हुए कहा कि छोटे भी बड़ा काम कर सकते हैं। बच्चे पेड़ों को पानी दें। उन्होंने एक वृक्ष-एक संतान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाने पर जोर दिया। मध्य प्रदेश की मिसाल देते हुए बताया कि किस तरह से वहां लोगों ने हजारों बच्चों को गोद लेकर उनकी किस्मत संवारी। खुद उन्होंने भी एक बच्चे को गोद लिया था। अगस्त को क्रांति का महीना बताते हुए कहा कि स्वराज तो मिल गया, लेकिन सुराज मिलना बाकी है।
राज्यपाल ने कहा कि सरपंच अगर संकल्प कर लें तो वक्त बदलते देर नहीं लगेगी। बस आप लोग तय कर लो कि आपके गांव में कोई बच्च टीबी से बीमार नहीं रहेगा। कोई बच्च अशिक्षित नहीं रहेगा। कोई कुपोषण का शिकार नहीं होगा। जम्मू कश्मीर मुद्दे पर राज्यपाल ने कहा कि पीएम ने अनुच्छेद 370 खत्म कर एक बड़ा फैसला लिया है। इससे पूर्व स्कूली छात्रओं ने हेलीपेड पर फलों से उनका स्वागत किया।
कश्मीर जैसे स्वर्ग को आतंकियों ने नर्क बना दिया था : डॉ. शर्मा : आगरा में शुक्रवार को शाहजहां गार्डन पर पौधारोपण करने के बाद डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर जैसे स्वर्ग को आतंकियों ने नर्क बना दिया था। अगस्त में हुई दूसरी क्रांति, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। उन्होंने कश्मीर के विकास का एक्शन प्लान तैयार कर रखा है।
पौधे रोपने के बाद परवरिश की भी जिम्मेदारी उठाएं : श्रीकांत : मथुरा में पौधारोपण करने के बाद ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि हमें न केवल पौधारोपित कर अपनी जिम्मेदारी निभानी है, बल्कि इन्हें फलने-फूलने तक इनकी देखरेख करनी है। ब्रजवासी कम से कम दस-दस पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें। ऊर्जा विभाग पूरे प्रदेश में ढाई लाख पौधे लगा रहा है, ताकि ब्रज और पूरा प्रदेश हरा-भरा दिखाई दे।
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प्रदेश में बढ़ी हरियाली
उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल - 240928 वर्ग किमी
भारत वन सर्वेक्षण की वर्ष 2017 की रिपोर्ट के अनुसार
उप्र में कुल वनावरण - 14679 वर्ग किमी (प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 6.09 फीसद)
उप्र में कुल वृक्षावरण - 7442 वर्ग किमी (प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 3.09 फीसद)
उप्र में कुल वनावरण और वृक्षावरण - 22121 वर्ग किमी (प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 9.18 फीसद)
भारत वन सर्वेक्षण की वर्ष 2015 की रिपोर्ट के अनुसार
उप्र में कुल वनावरण - 14401 वर्ग किमी (प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 5.97 फीसद)
उप्र में कुल वृक्षावरण - 7044 वर्ग किमी (प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.92 फीसद)
उप्र में कुल वनावरण और वृक्षावरण - 21445 वर्ग किमी (प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 8.9 फीसद)
2015 से 2017 के दौरान वनावरण और वृक्षावरण में 676 वर्ग किमी की वृद्धि।
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लेकिन गिनीज में दर्ज नहीं हो पाया 22 करोड़ पौधारोपण
योगी सरकार ने भले ही एक दिन में 22 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य को पा लिया है लेकिन, यह वल्र्ड रिकॉर्ड नहीं बन पाया है। प्रदेश के कई स्थानों पर पौधारोपण महाकुंभ होने के कारण गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों ने इसे दर्ज करने से मना कर दिया था। इसलिए वर्ष 2016 में अखिलेश यादव की सरकार में बना पांच करोड़ पौधारोपण का रिकॉर्ड कायम रहेगा।
दरअसल, मध्य प्रदेश में वर्ष 2017 में शिवराज सरकार के समय सात करोड़ से ज्यादा पौधे लगाने का दावा किया गया था। बाद में यह पौधारोपण अभियान विवादों में फस गया। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के सत्यापन में 2.22 लाख ही पौधे ही मिले थे। इसके बाद से गिनीज ने कई स्थानों पर एक साथ पौधारोपण के रिकॉर्ड को दर्ज करने से ही मना कर दिया था। इसलिए यूपी के पौधारोपण अभियान को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जा सका है। हालांकि प्रदेश के वन विभाग के अपने रिकॉर्ड में इससे पहले इतना अधिक पौधारोपण कभी नहीं हुआ।
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