श्रम विभाग नोएडा ने भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं तोड़ी

Mar 04, 2019

श्रम विभाग नोएडा ने भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं तोड़ी

श्रम विभाग का एक पक्षीय आदेश के मामलों में आर सी जारी करने का अधिकार समाप्त

श्रम विभाग नोएडा में भ्रष्टाचार इस समय चरम पर है, श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा वसूली का एक सूत्री कार्यक्रम किया जा रहा है तथा कहा जा रहा है की श्रम मंत्री को उनका हिस्सा देना है हमने यहाँ पर लाखों रुपए देकर पोस्टिंग करवाई है तो क्या हमें कमाने का अधिकार नहीं है।

  1.  ललित ठुकराल इस मामले को निबटाने ले लिए उप श्रमायुक्त को फोन मिलाते रहे लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
  2.  सहायक श्रमायुक्त प्रभाकर मिश्रा का कहना है की वे श्रम मन्त्री के खास आदमी है डी एम उनका क्या बिगाड़ लेगा।
  3. उप श्रमायुक्त नोएडा से उनके ही विभाग के कर्मचारी नाखुश।
  4.  उप श्रमायुक्त नोएडा का रवैया बहुत ही खराब है तथा वे सिर्फ पैसों की भाषा ही समझते हैं।
  5.  मुख्यमन्त्री से मिलकर पूरे मामले से उनको अवगत करवाया जायेगा तथा इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की माँग की जाएगी।

                                                                                           -पी पी सिंह, महासचिव, नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर

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उद्योग विहार (मार्च-2019) श्रम विभाग के अधिकारी फर्जी यूनियन के नेताओं एवं कुछ तथाकथित दलालों के साथ मिलकर कारखानों के ऊपर फर्जी मुकदमे लगवाते हैं और कारखाना मालिकों का शोषण करते हैं। अभी हाल ही में एक कारखाना मालिक की कम्पनी के खिलाफ इन लोगों ने इसी तरह साजिश करके पहले उसकी कम्पनी के खिलाफ एक पक्षीय आदेश पारित किया फिर तहसील से एक करोड़ सत्तर लाख रुपये की आर सी जारी की फिर जब उसने पुनः सुनवाई का प्रार्थना पत्र दिया तो इन्होने सुनवाई नहीं की तथा अगली तारीख लगाते हुए उसके मालिक को सलाखोंके पीछे भिजवा दिया। तथा सलाखों के पीछे से निकलवाने के एवज में लाखों रुपये की माँग रखी। इस सम्बन्ध में जब नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर के अध्यक्ष ललि ठुकराल को जानकारी हुई तो उन्होंने कहा की हम कारखाना मालिक से कुछ पैसे जमा करवा देते हैं लेकिन आप उनको छोड़ दो लेकिन सहायक श्रमायुक्त प्रभाकर मिश्रा ने मना कर दिया तथा कहा की पूरा पैसा जमा करना होगा तभी हम वाद की पुनरीक्षण याचिका को मंजूर करेंगे। जबकि इस फर्जी मुकदमे में श्रम विभाग के अधिकारीयों ने फर्जी श्रमिक नेताओं के साथ मिलकर ऐसे कर्मचारियों का भी मुकदमा लगाया था जो कभी उनकी कम्पनी में कार्य भी नहीं करते थे तथा उसमे ऐसे कर्मचारी भी शामिल थे जो उनके यहाँ वर्तमान में कार्य कर रहे हैं और उनका कम्पनी से कोई विवाद नहीं है। तब उन्होंने शासन से बात की तब शासन के हस्तक्षेप से जिलाधिकारी के बीच में पड़ने के बाद उसका पुनः सुनवाई का प्रार्थना पत्र स्वीकार किया गया तथा उसे छोड़ा गया। इस मामले में जिलाधिकारी बी एन सिंह ने बहुत ही अच्छी भूमिका निभाते हुए मामले का तुरन्त संज्ञान लेते हुए एक आदेश जारी किया की अब किसी भी मामले में यदि एक पक्षीय आदेश किया जाता है तो उस मामले में आर सी नहीं जारी की जायगी तथा उन्होंने अपने यहाँ लम्बित सभी आर सी को वापस कर दिया तथा तहसील से भी सभी आर सी वापस मंगवा ली हैं। इस सम्बन्ध में जब उपश्रमायुक्त पी के सिंह एवं सहायक श्रमायुक्त प्रभाकर मिश्रा से बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन काट दिया तथा फोन नहीं उठाया।

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