ध्वनि प्रदूषण गंभीर अपराध

Apr 08, 2019

ध्वनि प्रदूषण गंभीर अपराध

उद्योग विहार (अप्रैल-2019) नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने ध्वनि प्रदूषण को गंभीर अपराध करार दिया है। एनजीटी ने पुलिस से कहा है कि निर्धारित मापदंड से ज्यादा ध्वनि पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुलिस आयुक्त को ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले अधिकारियों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है, ताकि लोगों के अधिकारों की रक्षा हो सके। पीठ ने इस पर एक महीने के भीतर ई-मेल के जरिये रिपोर्ट भी तलब की है। एनजीटी ने कहा है कि शांतिपूर्ण वातावरण में रहना लोगों का संवैधानिक अधिकार है। तय मानकों से ज्यादा शोर पैदा करना गंभीर अपराध है,

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इसको रोकने के लिए निरोधात्मक और सुधारात्मक कार्रवाई की जरूरत है। पीठ ने अखंड भारत मोर्चा की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। मोर्चा ने आरोप लगाया है कि पूर्वी दिल्ली में मस्जिदों में अवैध तरीके से लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल से उसके आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। पीठ ने कहा कि अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण पैदा करने वाले स्थलों की पहचान, वहां ध्वनि मापक यंत्र लगाने और तय स्तर से ज्यादा ध्वनि पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। पीठ ने यह भी कहा कि समय-समय पर जांच और निगरानी की व्यवस्था होने के साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ समन्वय भी होते रहना चाहिए। एनजीटी ने कहा कि जब बड़े स्तर पर कानून का उल्लंघन हो रहा हो तो चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने और कंेद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को पत्र लिख देने मात्र से काम नहीं चलने वाला।

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